विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने उन पैराग्लाइडिंग साइट्स पर पैराग्लाइडिंग करने पर रोक लगाने का आदेश दिया है, जहां कोई भी मार्शल तैनात नहीं है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार की स्टेट्स रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद यह आदेश पारित किया। कोर्ट को बताया गया था कि कुछ स्थानों पर मार्शल की तैनाती नहीं की गई है।
17 जून को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने आदेश दिया कि जिन स्थानों पर सरकार ने मार्शल की नियुक्ति नहीं की है, वहां पैराग्लाइडिंग रोक दी जाए। कोर्ट ने सरकार से ताजा स्टेटस रिपोर्ट दायर कर मार्शल की नियुक्तियों की जानकारी देने को कहा। सरकार को पैराग्लाइडिंग करवाने वाली संस्थाओं व क्लबों की ओर से अपने खिलाड़ियों व ग्राहकों को दी जाने वाली बीमा सुविधाओं की जांच करने का आदेश भी दिया। मामले पर अगली सुनवाई 17 जून को निर्धारित की गई है।
2021 में 12 वर्षीय बालक की मौत का HC ने लिया संज्ञान
दिसंबर 2021 में 12 वर्षीय बालक की पैराग्लाइडिंग साइट में मौत से संबंधित प्रकाशित समाचार पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया था। 12 वर्षीय आद्विक, माता-पिता व बहन के साथ बेंगलुरु से हिमाचल प्रदेश के बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग करने आया था। 22 दिसंबर, 2021 को वे दोपहर करीब 1:30 बजे पैराग्लाइडिंग की साइट पर पहुंच गए।
उन्हें वहां सूचित किया गया कि टेक ऑफ प्वाइंट 10-15 किलोमीटर दूर है और वहां केवल जीप से ही पहुंचा जा सकता है। इस दौरान जीप की दोपहिया वाहन से टक्कर हो गई। चालक के वाहन से नियंत्रण खोने के परिणामस्वरूप जीप खाई में जा गिरी। आद्विक के सिर में चोट लगी थी, जिस कारण उसकी मृत्यु हो गई थी।
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